शनिवार, 3 अगस्त 2019

List of Himachal Pradesh Assembly Constituency

हिमाचल प्रदेश विधानसभा क्षेत्रों की सूची (List of Himachal Pradesh  Assembly Constituency)


हिमाचल प्रदेश विधानसभा का इतिहास (History of Himachal Pradesh Legislative Assembly)

हिमाचल प्रदेश के गठन का दौर बहुत ही अनिश्चित  और संघर्षपूर्ण रहा है | हिमाचल प्रदेश के पहले चुनाव 1952 में ही करवा दिए गए थे और डॉ यशवंत सिंह परमार हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री बने थे | 30 अप्रैल 1948 को 30 छोटी बड़ी रियासतों को मिला कर हिमाचल प्रदेश का गठन एक केंद्र शाषित प्रदेश के रूप में किया गया था | इस प्रशाशन में एक मुख्या आयुक्त और 9 सदस्यीय सलाहकार समिति थी | इस  समिति में 3 सदस्य पूर्ववर्ती रियासतों का प्रतिनिधित्व करते थे और 6  सदस्य जन प्रतिनिधित्व करते थे | यह समिति हिमाचल में किये जाने वाले कार्यों में अपनी सलाह देती थी | 1951 में यह प्रदेश 'सी '(C )श्रेणी का राज्य बन गया | पार्ट 'सी 'राज्य अधिनियम 1951 की धारा 3  के अन्तगर्त एक लेफ्टिनेंट गवर्नर तथा 36 सदस्यीय विधानसभा की स्थापना की गयी | इन चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने सबसे ज्यादा 24 सीटें जीती ,किसान मज़दूर प्रजा पार्टी ने 3 ,अनुसूचित जाति फेडरेशन ने 1  तथा निर्दलीय ने 8 सीटें जीती | परिणामसवरुप डॉ यशवंत सिंह परमार कांग्रेस पार्टी से मुख्यमंत्री बने | 

1954 में एक अन्य 'सी ' श्रेणी  के राज्य की हिमाचल में मिला कर इसकी विधानसभा सीटों की संख्या बड़ा कर 41 कर दी गयी | 1 नवंबर 1956  हिमाचल को एक प्रशासक के अधीन केंद्र शसित प्रदेश बना दिया गया यंहा पर प्रशासक एक मुख्यमंत्री न हो कर उप राज्यपाल थे | विधानसभा को क्षेत्रीय परिषद् का नाम दिया गया | परन्तु हिमाचल के लोगों को सारे अधिकार प्राप्त नहीं हुए अत : हिमाचल के लोगो तथा हिमाचल के नेताओं ने बहुत से विरोध प्रदर्शन किये और संघर्ष किया जिसका परिणाम यह हुआ कि 1963 को भारत सरकार ने 'केंद्र शासित अधिनियम 1963 ' पारित किया  जिसके परिणामसवरुप क्षेत्रीय परिषदों को विधानसभाओं में बदल दिया गया | एक बार फिर से 1 जुलाई 1963 को डॉ यशवंत सिंह परमार के नेतृत्व में लोकतांत्रिक सरकार बनी |

1 सितम्बर 1965  को भारत सरकार ने पंजाब को भाषा के आधार पर पुनर्गठित करने के लिए सरदार हुक्म सिंह की अध्यक्षता में एक संसदीय समिति बनाई इस समिति ने पंजाब को भाषा के आधार पर पुनर्गठित करने की सिफारिश कर दी | अब पंजाब पुनर्गठन आयोग की स्थापना न्यायमूर्ति जे.सी शाह की अध्यक्षता में की गयी | इनकी सिफारिश पर ही पंजाब तथा हरियाणा बनाये गए | हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ यशवंत  सिंह परमार ने इस आयोग के समक्ष पहाड़ी क्षेत्रों को हिमाचल में मिलाने का अनुरोध किया परिणामसवरुप हिमाचल प्रदेश में निम्नलिखित क्षेत्रों को मिला कर सम्पूर्ण हिमाचल का गठन किया गया |


  • काँगड़ा (Kangra)
  • नालागढ़ (Nalagarh)
  • शिमला (Shimla)
  • डलहौज़ी(Dalhouse)
  • लाहुल सपीती  (Lahul-Sapiti)
  • कुल्लू (Kullu)
  • होशियारपुर (Hoshiyarpur)
इस प्रकार हिमाचल विधानसभा सदस्यों की संख्या 41 से बढ़कर 68 हो गयी | वर्तमान समय में हिमाचल में 68 विधानसभा क्षेत्र 4 लोकसभा क्षेत्र और 3 राजयसभा क्षेत्र है | 

Himachal Pradesh constituency seats in map Photo Credit:The Tribune

हिमाचल प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों की संख्या जिलावार :
List of Himachal Pradesh Legislative Assembly Constituency District wise:


#

District

Assembly Constituency

1
Kangra
Kangra
Dharamshala
Palampur
Shahpur
Jawali
Jawalamukhi
Dehra
Jaswan-Pragpur
Baijnath
Sullah
Nagrota Bagwan
Fatehpur
Indora
jaisinghpur
Nurpur
2
Shimla
Kasumpti
Chopal
Rohru
Shimla
Jubbal-Kotkhai
Shimla-Rural
Theog
Rampur
3
Mandi
Balh
Karsog
Seraj
Darang
Mandi
Sundernagar
Darang
Dharampur
Nachan
Sarkaghat
Jogindernagar
4
Sirmour
Nahan
Pachhad
Paonta Sahib
Shillai
Sri Renukaji
5
Lahul & Sapiti
Lahaul & Sapiti
6
Kinnaur
Kinnaur
7
Bilaspur
Bilaspur
Ghumarwin
Jhanduta
Sri Naina Devi ji
8
Hamirpur
Barsar
Bhoranj
Sujanpur
Hamirpur
Nadaun
9
Una
Chintrurni
Gagret
Haroli
Kutlehar
Una
10
Chamba
Bharmaour
Dalhousie
Bhattiyat
Chamba
Churah
11
Kullu & Manali
Anni
Banjar
Kullu
Manali
12
Solan
Arki
Doon
Kasuali
Nalagarh
Solan


मंगलवार, 30 जुलाई 2019

ई समाधान प्रणाली (E Samadhan System)

ई समाधान (E Samadhan)

ई समाधान(E Samadhan) प्रणाली या ई जन शिकायत निगरानी प्रणाली हिमाचल सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली ऐसी सेवा है जिसके माध्यम से लोग हिमाचल के किसी भी सरकारी कार्यालय,सरकारी अधिकारी,या किसी अन्य प्रकार की शिकायत जो की सरकार से सम्बंधित है की शिकायत  कंही से भी इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन कर सकते है इसके लिए लोगो को कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है | ई समाधान से जब भी कोई शिकायत करता है तो शिकायतकर्ता अपनी शिकायत की स्थिति(status) भी जान सकता है | 

ई समाधान के माध्यम से शिकायत कैसे करे ???

यंहा हम आपको बताएँगे की ई समाधान के माध्यम से शिकायत कैसे करें :

  1. सबसे पहले आपके पास इंटरनेट होना चाहिए। 
  2. अब आप अपने मोबाइल फ़ोन में  या कंप्यूटर में कोई ब्राउज़र खोले | 
  3. अब ब्राउज़र की Address Bar में https://esamadhan.nic.in/ (आप यंहा भी क्लिक कर सकते है )लिखे | 
  4. अब आपके सामने कुछ ऐसा Page open होगा 
    E Samadhan Home Page 
  5. अब आपको Submit your application पर क्लिक करना है | 
  6. अगर आपने पहले से कोई शिकायत कर रखी है तो आप उसका status जानने के लिए Know your application पे क्लिक करे | 
  7. आप जब Submit your application पे क्लिक करेंगे तो आपके पास कुछ ऐसा फॉर्म ओपन होगा | 
    E Samadhan Form 
  8. यँहा आपको यह फॉर्म अपने जरूरत के हिसाब से भरना है जैसे आपकी कोई शिकायत है या कोई मांग है ,किस कार्यालय से समन्धित है etc . Application Details में आपको अपनी शिकायत या मांग विस्तृत में लिखनी है | 
  9. अगले स्टेप्स में आपको अपने बारे में जानकारी देनी है जैसे अपना पता ,जिला ,गाँव ,फ़ोन न 0  इत्यादि | 
    E Samadhan  Form 
  10. अंत में आप submit application पे क्लिक कर दे जैसे ही आपकी शिकायत जमा हो जाएगी आपको एक मेसेज दिखाई देगा जिसमे आपकी शिकायत का न0 तथा दिनांक अंकित होगी आप चाहे तो इसको लिख सकते है अथवा इसका print out ले सकते है | 
  11. यह इसलिए आवश्यक है ताकि आप इस न 0  से अपनी शिकायत की स्थिति(Status ) जान सके कि आप की शिकायत पर कोई कारवाई की गयी है या नहीं | 
  12. अगर आप अपनी शिकायत का status जानना चाहते है तो सबसे पहले अपना ब्राउज़र ओपन करें फिर step 3 दोहराएं | 
  13. जब आपका होम पेज ओपन हो जाए तो यँहा Submit Your Application  की जगह Know Application Status पे क्लिक करें | 
  14. इसके बाद यंहा कुछ ऐसा पेज ओपन होगा यंहा अपना application No  डालें application no डालने के बाद यंहा आप देख पाएंगे की आपकी एप्लीकेशन पे क्या कार्यवाई की गयी है|  
    Know Application Status



    यंहा पे हमने आपको ई समाधान के बारे में बताने की पूरी कोशिश की है | यह सरकार द्वारा चलाई जाने वाली बहुत ही अच्छी  सेवा है जंहा लोगो को अपनी शिकायतों को लेकर कंही जाने की जरूरत नहीं है | यदि इस ब्लॉग पर आने वाले लोग आगर इस प्रणाली के बारे में जानते है तो आप अधिक से अधिक लोगो को इसके बारे में बताएं ताकि लोगों को अपनी समस्याओं को लेकर कंही भटकना न पड़े | 

रविवार, 28 जुलाई 2019

हिमाचल प्रदेश विश्वविधालय

हिमाचल प्रदेश विश्वविधालय शिमला 


हिमाचल प्रदेश विश्वविधालय की स्थापना 22 जुलाई 1970 में हुई थी| यह शिमला शहर से लगभग 5 कि 0 मि 0 दूर है | यह चारों तरफ से देवदार के पेड़ो से घिरा है | हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ही  विश्वविधालय के कुलपति होते है | राम कर्ण सिंह हिमाचल प्रदेश  विश्वविधालय के पहले उप कुलपति थे | विश्वविधालय परिसर लगभग 200 एकड़ हरे भरे क्षेत्र में फैला हुआ है | हिमाचल प्रदेश विश्वविधालय हिमाचल प्रदेश का एकमात्र बहु -संकाय विश्वविधालय है| 



हिमाचल प्रदेश विश्वविधालय शिमला 

हिमाचल प्रदेश विश्वविधालय की कुछ मुख्य विशेषताएं :

  1. राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा मान्यता प्राप्त | 
  2. यूजीसी से सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन हिमालयन स्टडीज में मान्यता प्राप्त | 
  3. छात्राओं को मुफ्त शिक्षा।
  4. राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ संबंध
  5. एकल बालिका के लिए प्रत्येक विभाग में एक सीट आरक्षित है।
  6. परीक्षाओं की निष्पक्ष और विश्वसनीय सेमेस्टर प्रणाली
  7. सभी क्षेत्रों में एचपीयू एलुम्नाई उत्कृष्ट
  8. पायनियर एनआरआई (सेल्फ फाइनेंसिंगयोजना
  9. देश में दूरस्थ शिक्षा शुरू करने वाला पहला विश्वविधालय

हिमाचल प्रदेश विश्वविधालय की वेबसाइट:

आप इस साइट पे जा के और बी अधिक जानकारी हासिल कर सकते है | इस लिंक पे जा के हिमाचल प्रदेश विश्वविधालय के अलग अलग संकायों के परिणाम भी देखे जा सकते है | आप इस लिंक पे जा के हिमाचल प्रदेश विश्वविधालय में जितने भी कोर्स और डिग्री कोर्स चलाये जा रहे है उन सबकी जानकारी भी प्राप्त कर सकते है | 


गुरुवार, 25 जुलाई 2019

हिमाचल प्रदेश के राज्यपालों की सूची

हिमाचल प्रदेश के राज्यपालों की सूची


यूँ तो हिमाचल प्रदेश में राज्यपाल शासन भारत की आजादी के कुछ वर्ष बाद ही लागू हो गया था | हिमाचल प्रदेश को 25 जनवरी 1971 को पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल हुआ था और हिमाचल को पहली लोकतांत्रिक सरकार मिली थी जो की स्वतंत्रता पूर्वक निर्णय ले सकती थी | जब हिमाचल पूर्ण राज्य बना था तो उस समय एस चक्रवर्ती को हिमाचल का राज्यपाल बनाया गया था |  1952 से लेकर 1971 तक हिमाचल में लेफ्टिनेंट गवर्नर रहे तथा उसके बाद गवर्नर |



# नाम कार्यकाल
1 मेजर जनरल हेमन्त सिंह (Maj. Gen. Hemat Singh) 1 मार्च 1952 से 31 दिसंबर 1954
2 राजा बजरंग बहादुर सिंह (Raja Bajrang Bahadur Singh Bhadri) 1 जनवरी 1955 से 13 अगस्त 1963
3 भगवान सहाय (Bhagwan Sahay) 14 अगस्त 1963 से 25 फरवरी 1966
4 वी विश्वनाथन (V.Vishwanathan) 26 फरवरी 1966 से 6 मई 1967
5 ओम प्रकाश (Om Parkash) 7 मई 1967 से 15 मई 1967
6 लेफ्टिनेंट जनरल के भदुर सिंह (Lt. Gen K Bhadur Singh) 16 मई 1967 से 24 जनवरी 1971
7 एस चक्रवर्ती (S.Chakravarti) 25 जनवरी 1971 से 16 फरवरी 1977
8 अमीन उद-दीन अहमद खान (Aminudin Ahmad Khan) 17 फरवरी 1977 से 25 अगस्त 1981
9 वी विश्वनाथन ए के बनर्जी (A.N.Banerjee) 26 अगस्त 1981 से 15 अप्रैल 1983
10 होकिशी सेमा (Hokishe Sema) 16 अप्रैल 1983 से 7 मार्च 1986
11 पी डी देसाई (P.D.Desai) 8 मार्च 1986 से 16 अप्रैल 1986
12 आर के एस धान्दी (R K S Ghandhi) तक 17 अप्रैल 1986 से 15 फरवरी 1990
13 एस एच एम बर्नी (S H M Burney) 2 दिसंबर 1987 से 10 जनवरी 1988
14 एच ए ब्रारी (H A Barari) 20 दिसंबर 1989 से 12 जनवरी 1990
15 बी रचैया (B Rachaiah) 16 फरवरी 1990 से 19 दिसंबर 1990
16 वीरेंद्र वर्मा (Virendra Verma) 20 दिसंबर 1990 से 29 जनवरी 1993
17 सुरेंद्र नाथ (Surendra Nath) 30 जनवरी 1993 से 10 दिसंबर 1993
18 बाली राम भगत (B. R. Bhagat) 11 फरवरी 1993 से 29 जून 1993
19 गुलशेर अहमद (Gulsher Ahmed) 30 जून 1993 से 26 नवंबर 1993
20 सुरेंद्र नाथ (Surendra Nath) 27 नवंबर 1993 से 9 जुलाई 1994
21 वी रत्नम (V Rattanam) 10 जुलाई 1994 से 30 जुलाई 1994
22 सुधाकरराव नाइक (Sudhakarrao Naik) 30 जुलाई 1994 से 17 सितंबर 1995
23 महाबीर प्रसाद (Mahabir Prasad) 18 सितंबर 1995 से 16 नवंबर 1995
24 शीला कौल (Sheila Kaul) 17 नवंबर 1995 से 22 अप्रैल 1996
25 महाबीर प्रसाद (Mahabir Prasad) 23 अप्रैल 1996 से25 जुलाई 1997
26 वी एस रामदेवी (V S Rama Devi) 26 जुलाई 1997 से 1 दिसंबर 1999
27 विष्णु कांत शास्त्री (Vishnu Kant Shastri) 2 दिसंबर 1999 से 23 नवंबर 2000
28 सूरज भान (Suraj Bhan) 23 नवंबर 2000 से 7 मई 2003
29 विष्णु सदाशिव कोक्जे (Vishnu Sadashiv Kokje) 8 मई 2003 से 19 जुलाई 2008
30 प्रभा राऊ (Prabha Rau) 19 जुलाई 2008 से 24 जनवरी 2010
31 विष्णु सदाशिव कोक्जे (Vishnu Sadashiv Kokje) 8 मई 2003 से 19 जुलाई 2008
32 उर्मिला सिंह (Urmila Singh) 25 जनवरी 2010 से 24 जनवरी 2015
33 कल्याण सिंह (Kalyan Singh) 28 जनवरी 2015 से 12 अगस्त 2015
35 आचार्य देव व्रत (Acharya Dev Vrat) 12 अगस्त 2015 से 21 जुलाई 2019 
36  कलराज मिश्र  (Kalraj mishra) 22 जुलाई 2019 से..... 

सोमवार, 22 जुलाई 2019

हिमाचल प्रदेश का गठन

 हिमाचल प्रदेश का गठन 


हिमाचल प्रदेश का गठन 14  अप्रैल 1948  को हुआ था |  जब हिमाचल का गठन हुआ था तो इसमें 30  छोटी बड़ी रियासतों को मिलाया गया था  तथा हिमाचल प्रदेश का गठन  एक मुख्य आयुक्त  राज्य के रूप में  हुआ था |

श्री.एन.सी मेहता हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्य आयुक्त थे |  



जब हिमाचल  के गठन  में रियासतों का विलय हुआ तो इस विलय के पीछे प्रजा मंडल आंदोलन तथा उन लोगो का बलिदान था जिन्होंने लोगो के लिए रियासती शासकों के विरूद्ध लोहा लिया था ,इसमें सुकेत सत्याग्रह का 
नाम मुख्य रूप से लिया जा सकता है क्यूँकि 26  फरवरी 1948  को प्रजा मंडल के हजारो कार्यकर्ता अपने नेताओं के साथ सुकेत में प्रवेश कर गए और पुलिस थानों पर कब्ज़ा करते गए | 

  • 1948  से 1951  तक  हिमाचल प्रदेश मुख्य आयुक्त क्षेत्र था| 

  • हिमाचल के गठन के समय इसका क्षेत्रफल 27,108  किलोमीटर था| 

  •  उस समय हिमाचल की जनसँख्या 9 ,35 ,000  थी |  

 हिमाचल प्रदेश 'सी 'श्रेणी का राज्य 

1951 में केंद्र सरकार ने हिमाचल को सी श्रेणी का राज्य घोषित कर दिया ,जिसके परिणामसवरुप हिमाचल में मुख्य आयुक्त के स्थान पर लेफ्टिनेंट गवर्नर के अधीन सरकार बनाने का निर्णय लिया गया  अत :1 मार्च 1952 को मुख्य आयुक्त के स्थान पर लेफ्टिनेंट गवर्नर की नियुक्ति कर दी गयी | 

मेजर जनरल हिम्मत सिंह जी हिमाचल  के पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर थे | 



केंद्र सरकार के क़ानून से नवम्बर 1951 में 37 सदस्यी विधानसभा के चुनाव करवाए  और कांग्रेस पार्टी के डॉ यशवंत सिंह परमार हिमाचल  के पहले मुख्यमंत्री बने | उस समय कांग्रेस पार्टी को 24 स्थानों पर विजय प्राप्त हुई | 

हिमाचल केंद्र शासित प्रदेश 

1 नवंबर 1956 को हिमाचल प्रदेश में लेफ्टिनेंट गवर्नर से हटा कर एक केंद्र शासित  प्रदेश बना दिया गया | हिमाचल प्रदेश का केंद्र शासित बनने का कारण राज्य पुनर्गठन आयोग था क्यूँकि 1954 में केंद्र सरकार ने फजल अली की अध्यक्षता में राज्य पुनर्गठन आयोग की स्थापना की थी और इस आयोग ने बहुमत के आधार पर हिमाचल को पंजाब में मिलाने की सिफारिश कर दी | उस समय हिमाचल के मुख्यमंत्री डॉ यशवंत सिंह परमार के नेतृत्व  में हिमाचल के सभी नेताओं ने मिल कर लोकतांत्रिक अधिकारों को त्यागने का निर्णय  लिया | इस निर्णय के उपरान्त हिमाचल विधानसभा भंग  दी गयी और हिमाचल को पंजाब में न मिला कर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया | अब हिमाचल में सरकार का शासन न हो कर शासन उप राज्यपाल के हाथों में चला गया | अत : हिमाचल 1956 से 1971  तक हिमाचल केंद्र शासित प्रदेश रहा | 

पूर्ण राज्य का दर्जा 

31 जुलाई 1970 को हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव संसद में प्रस्तुत किया गया | संसद में लोकसभा तथा राज्यसभा ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया | 18 दिसंबर 1970 को 'हिमाचल राज्य अधिनियम ' पारित किया गया जिसके उपरान्त 25 जनवरी 1971 को तत्कालीन प्रधानमन्त्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने हिमाचल प्रदेश का उद्घाटन किया | 
इसके साथ ही हिमाचल देश का 18 राज्य बना था | 

जब हिमाचल प्रदेश का गठन हुआ उस समय हिमाचल भारत का 18 राज्य बना था | 

रविवार, 21 जुलाई 2019

Himachal Pradesh

हिमाचल प्रदेश 

हिमाचल का शाब्दिक अर्थ 

प्राकृतिक सौंदर्य और बर्फ से ढके रहने के कारण हिमाचल प्रदेश को 'हिमाचल 'कहा जाता है | यह दो शब्दों को जोड़ कर बना है 'हिम ' तथा 'अचल ' '(हिमाचल )|

देवी देवताओं का निवास स्थान होने के कारण इसको 'देव-भूमि ' भी कहा जाता है | 



जिस प्रकार भारत में भिन्न -भिन्न सभय्ताओं के लोग रहते है ठीक उसी प्रकार हिमाचल भिन्न -भिन्न प्राकर्तिक सभ्यताओं में तो रंगा ही है ठीक उसी प्रकार यह सांस्कृतिक सभयताओं में भी रंगा है