सोमवार, 22 जुलाई 2019

हिमाचल प्रदेश का गठन

 हिमाचल प्रदेश का गठन 


हिमाचल प्रदेश का गठन 14  अप्रैल 1948  को हुआ था |  जब हिमाचल का गठन हुआ था तो इसमें 30  छोटी बड़ी रियासतों को मिलाया गया था  तथा हिमाचल प्रदेश का गठन  एक मुख्य आयुक्त  राज्य के रूप में  हुआ था |

श्री.एन.सी मेहता हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्य आयुक्त थे |  



जब हिमाचल  के गठन  में रियासतों का विलय हुआ तो इस विलय के पीछे प्रजा मंडल आंदोलन तथा उन लोगो का बलिदान था जिन्होंने लोगो के लिए रियासती शासकों के विरूद्ध लोहा लिया था ,इसमें सुकेत सत्याग्रह का 
नाम मुख्य रूप से लिया जा सकता है क्यूँकि 26  फरवरी 1948  को प्रजा मंडल के हजारो कार्यकर्ता अपने नेताओं के साथ सुकेत में प्रवेश कर गए और पुलिस थानों पर कब्ज़ा करते गए | 

  • 1948  से 1951  तक  हिमाचल प्रदेश मुख्य आयुक्त क्षेत्र था| 

  • हिमाचल के गठन के समय इसका क्षेत्रफल 27,108  किलोमीटर था| 

  •  उस समय हिमाचल की जनसँख्या 9 ,35 ,000  थी |  

 हिमाचल प्रदेश 'सी 'श्रेणी का राज्य 

1951 में केंद्र सरकार ने हिमाचल को सी श्रेणी का राज्य घोषित कर दिया ,जिसके परिणामसवरुप हिमाचल में मुख्य आयुक्त के स्थान पर लेफ्टिनेंट गवर्नर के अधीन सरकार बनाने का निर्णय लिया गया  अत :1 मार्च 1952 को मुख्य आयुक्त के स्थान पर लेफ्टिनेंट गवर्नर की नियुक्ति कर दी गयी | 

मेजर जनरल हिम्मत सिंह जी हिमाचल  के पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर थे | 



केंद्र सरकार के क़ानून से नवम्बर 1951 में 37 सदस्यी विधानसभा के चुनाव करवाए  और कांग्रेस पार्टी के डॉ यशवंत सिंह परमार हिमाचल  के पहले मुख्यमंत्री बने | उस समय कांग्रेस पार्टी को 24 स्थानों पर विजय प्राप्त हुई | 

हिमाचल केंद्र शासित प्रदेश 

1 नवंबर 1956 को हिमाचल प्रदेश में लेफ्टिनेंट गवर्नर से हटा कर एक केंद्र शासित  प्रदेश बना दिया गया | हिमाचल प्रदेश का केंद्र शासित बनने का कारण राज्य पुनर्गठन आयोग था क्यूँकि 1954 में केंद्र सरकार ने फजल अली की अध्यक्षता में राज्य पुनर्गठन आयोग की स्थापना की थी और इस आयोग ने बहुमत के आधार पर हिमाचल को पंजाब में मिलाने की सिफारिश कर दी | उस समय हिमाचल के मुख्यमंत्री डॉ यशवंत सिंह परमार के नेतृत्व  में हिमाचल के सभी नेताओं ने मिल कर लोकतांत्रिक अधिकारों को त्यागने का निर्णय  लिया | इस निर्णय के उपरान्त हिमाचल विधानसभा भंग  दी गयी और हिमाचल को पंजाब में न मिला कर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया | अब हिमाचल में सरकार का शासन न हो कर शासन उप राज्यपाल के हाथों में चला गया | अत : हिमाचल 1956 से 1971  तक हिमाचल केंद्र शासित प्रदेश रहा | 

पूर्ण राज्य का दर्जा 

31 जुलाई 1970 को हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव संसद में प्रस्तुत किया गया | संसद में लोकसभा तथा राज्यसभा ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया | 18 दिसंबर 1970 को 'हिमाचल राज्य अधिनियम ' पारित किया गया जिसके उपरान्त 25 जनवरी 1971 को तत्कालीन प्रधानमन्त्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने हिमाचल प्रदेश का उद्घाटन किया | 
इसके साथ ही हिमाचल देश का 18 राज्य बना था | 

जब हिमाचल प्रदेश का गठन हुआ उस समय हिमाचल भारत का 18 राज्य बना था | 

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